जिनके दामन मे दौलत नहीं ग़म होते हैं
उन मुसाफ़िरों के हमसफ़र कम होते हैं ।
जो उसूलों की बात करता है ज़माने मे
उसके लम्हे -हयात जल्दी खत्म होते हैं ।
बेवफ़ाओं की राह में फूलों की बारिश
वफ़ादारों पे पत्थरों के करम होते हैं ।
अब शहर देखकर ही हवाएं चला करती हैं
इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं ।
उनसे हर वक़्त ख़ुदा भी ख़फ़ा रहता है
जिनपे पहले से ही लाख़ सितम होते हैं ।
घर में मौत और जश्न का माहौल या रब
जबकि ग़ैरों के दर पे मातम होते हैं ।
और ज़्यादा की आरज़ू में , खो गई आबरू
ख़ुद पे शर्मसार "दीपक" लोग कम होते हैं ।
All right reserved @Deepak Sharma
http://www.kavideepaksharma.com
http://kavideepaksharma.blogspot.com
http://shayardeepaksharma.blogspot.com
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete